एक और धर्म, मजहब के नाम पर रार मची है। वहीं देवभूमि उत्तराखंड में धार्मिक सहिष्णुता की नजीर पेश हुई है। आदि गुरु शंकराचार्य की तपस्थली जोशीमठ में गुरुद्वारे में ईद-उल-अजहा (बकरीद) की नमाज मुस्लिम भाईयों ने पढ़ी। बारिश और ठंड को देखते हुए गुरुद्वार प्रबंधन ने नमाज पढ़ने के लिए गुरुवारे के द्वार खोल दिए।
http://www.livehindustan.com/uttarakhand/story-namaz-in-gurudwara-example-of-communal-harmony-presented-at-esh-ul-azha-in-joshimath-1427262.html